Top हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Secrets

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हल्दी हर रसोई में पाया जाने वाला मसाला है। जो खाने का स्वाद और रंग बढ़ाने का काम करती है। खाने के साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी है जो विभिन्न रोगों को ठीक करने में काम आती है। ठंड में तो हल्दी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है।

बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि हल्दी में चूना मिला देने से हल्दी के गुण बड़ जाते है और ये बात सच भी है। हल्दी को चूने में मिलाकर अंदरूनी चोट या सूजन में लगाने से यह दर्द को खींच लेता है। चोट-घाव में हल्दी के फायदे

जिन महिलाओं को महामारी के दौरान अत्यधिक पीड़ा होती है, उनको हल्दी दूध का सेवन करने से आराम मिलता है। यह मेनोपौस के बाद के लक्षणों से भी राहत देता है।

हल्दी वाला दूध पिने से मधुमेह नियंत्रित रहता है।

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथ ही फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देती हैं। वहीं हल्दी में में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।

ऐसा करने से पेट दर्द से राहत मिल सकती है.

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पेट मे बनने वाली गैस , खट्टी डकारें और पेट की जलन बहुत जलदी दूर हो जाती है और रोगी को आराम मिलता है।

नीम के बहुत से अविश्वसनीय फायदे हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वह कैंसर उत्पन्नब करने वाली कोशिकाओं को खत्म कर देता है। हम सब more info के शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं होती हैं लेकिन वे अव्यवस्थित होती हैं, वे पूरे शरीर में बिखरी होती हैं।

हल्दी महत्वपूर्ण एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालती हैं और लीवर में जाने वाले ब्लड को डिटॉक्सीफाई करती है।

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अर्थराइटिस की समस्या या जोड़ों में दर्द की समस्या है तो इससे निजात पाने के लिए हल्दी का सेवन करे। हल्दी का सत का सेवन करने से अर्थराइटिस के लक्षणों में जैसे: दर्द, सूजन को कम करने में मदद करता है। शरीर में किसी जगह पर दर्द या सूजन है तो हल्दी का लेप लगाने से आराम मिलता है।

यह महत्वपूर्ण है कि हमारे शरीर में बैक्टीरिया की बहुतायत न हो। बैक्टीरिया के सक्रिय हुए बिना आप जीवित नहीं रह सकते। लेकिन अगर बैक्टीरिया की बहुतायत हो गई, तो आप बीमार महसूस करेंगे क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उनसे निपटने में बहुत ऊर्जा खर्च करती है। नीम का अलग-अलग रूपों में इस्तेमाल करते हुए, आप बैक्टीरिया को इतना सीमित कर सकते हैं कि आपको उसे संभालने में शरीर की ऊर्जा खर्च न करनी पड़े।

दूध में शक्कर की जगह शहद मिलाकर इस्तेमाल करें या फीका ही इस्तेमाल कर सकते हैं फ़ायदा जरूर होगा।

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